




लाइफ इन ए मेट्रो : रिश्तों की दास्तां
निर्माता : रोनी स्क्रूवालानिर्देशक : अनुराग बसु संगीत : प्रीतम चक्रवर्तीकथा-पटकथा : अनुराग बसुसंवाद : संजीब दत्ताकलाकार : शाइनी आहूजा, शिल्पा शेट्टी, के के मेनन, कोंकणा सेन शर्मा, इरफान खान, कंगना
‘मर्डर’ और ‘गैंगस्टर’ जैसी फिल्में निर्देशित कर प्रशंसा बटोर चुके अनुराग बसु ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ लेकर हाजिर हो रहे हैं। जैसा कि नाम से जाहिर है इसकी कहानी मेट्रो शहर में रहने वाले लोगों की है। मेट्रो में रहने वाले तेजी से सफल होना चाहते हैं और इसके लिए वे अपने रिश्ते-परिवार की अवेहलना भी करते हैं। अपने काम में वे इतने व्यस्त रहते हैं कि उनका परिवार बिखरने लगता है। कहानी का लगभग हर पात्र अपने जीवन साथी से नाखुश है और अपने सपने पूरे करने और प्यार पाने के लिए वह अवैध रिश्ते बनाने में हिचकिचाता नहीं है। यह कहानी है राहुल की जो कि जो अपनी बॉस नेहा को चाहता है, लेकिन अपने दिल की बात नहीं कह पाता है। नेहा पर उसका बॉस रंजीत भी मेहरबान है। ऑफिस में नेहा की तरक्की की रफ्तार बहुत ज्यादा है क्योंकि अपने बॉस को खुश रखना उसे आता है और उसके लिए वह सारी सीमाएं लाँघ जाती है। रंजीत की पत्नी शिखा अपने बच्चे की परवरिश के खातिर घर पर ही रहती है। रंजीत नेहा के प्यार में और धन कमाने के चक्कर में अपने परिवार को भूल जाता है। इससे दोनों के संबंधों में दरार आने लगती है। रंजीत से परेशान शिखा अपना प्यार आकाश में खोजती है जो एक तलाकशुदा व्यक्ति है। आकाश एक संघर्षरत कलाकार है और उसकी लगातार असफलताएँ उसकी शादी के टूटने का कारण बनती है। कहानी में श्रुति भी है जो शिखा की बहन और नेहा के साथ रहती है। तीस वर्ष की होने के बावजूद श्रुति अब तक कुँवारी है। वह एक रेडियो स्टेशन पर काम करती है और वहीं पर काम करने वाले एक युवक से प्यार करती है। इधर राहुल किसी भी कीमत पर सफलता पाना चाहता है। उसके अंकल का अपार्टमेंट है जो राहुल के हवाले है, क्योंकि अंकल बहुत दूर रहते है। राहुल के ऑफिस के साथी हमेशा ऐसी जगह की तलाश में रहते हैं जहाँ वे गर्लफ्रेंड या वेश्या के साथ समय व्यतीत कर सकें। राहुल उन्हें अपना अपार्टमेंट मुहैया करवाता है और चाहता है कि वे सब उसके प्रमोशन के लिए सिफारिश करें।आखिर एक दिन नेहा रंजीत पूछती है कि उन दोनों के रिश्ते का भविष्य क्या है? वह रंजीत से वचनबद्धता चाहती है। रंजीत उसे कोई वचन नहीं देना चाहता है। वह नेहा की बेइज्जती करता है और उसे छोड़ देता है। नेहा आत्महत्या का प्रयास करती है लेकिन राहुल उसे बचा लेता है। राहुल नेहा की देखभाल करता है और दोनों प्यार के कुछ लम्हें आपस में बाँटते है, लेकिन नेहा अभी भी राहुल के बारे में कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाती है।
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