
बंता (संता से)- ऐसा लगता है कि वो लड़की ऊंचा सुनती है। मैं कुछ कहता हूं वो कुछ और ही बोलती है।
संता (बंता से)- वो कैसे?
बंता- मैने कहा आई लव यू, तो वह बोली मैंने कल ही नए सैंडल खरीदे हैं।
संता (बंता से)- शादी क्या है?
बंता (संता से)- शादी चुइंगम है, जो शुरू-शुरू में मीठी लगती है फिर कितना भी चबाइए, बेस्वाद ही लगेगी।
संता (बंता से)- मुझे रात भर नींद नहीं आई।
बंता (संता से)- क्यों नहीं आई?
संता- क्योंकि कल रात भर नींद में मैं यही सपना देखता रहा कि मैं जाग रहा हूं।
संता (बंता से)- मैं अपना पर्स घर भूल आया मुझे 1000 रूपए की जरूरत है।
बंता (संता से)- दोस्त ही दोस्त के काम आता है ले 10 रूपए रिक्शा कर के पर्स ले आ।
जब टाइटेनिक डूब रहा था और सब भाग रहे थे, तब संता ने एक अमेरिकन से पूछा- यहां से जमीन कितनी दूर है?
अमेरिकन (संता से)- करीब दो मील दूर।
संता (अमेरिकन से)- अरे वाह! मैं तो बहुत अच्छा तैराक हूं। और वह कूद गया।
संता (कूदने के बाद)- जमीन किस ओर है?
अमेरिकन- नीचे की ओर।
बंता आधी रात को शराब के नशे में जा रहा था। उसका एक पैर फुटपाथ पर पड़ता और दूसरा सड़क पर। पीछे से थानेदार संता ने उसे एक डंडा जमाते हुए पूछा- क्यों रे, कितनी पी रखी है तूने?
बंता ने संभलते हुए कहा- याद दिलाने के लिए शुक्रिया कि मैंने पी रखी है। एक घंटे से तो मैं यही सोचकर परेशान था कि मैं अचानक लंगड़ा कैसे हो गया।
संता (बंता से)- यदि मैं घर की चौथी मंजिल से कूदकर बच जाऊं, तो इसे तुम क्या कहोगे?
बंता (संता से)- महज संयोग।
संता- यदि दोबारा मैं ऐसा करके बच जाऊं तो?
बंता- विशेष संयोग।
संता-मान लो, तीसरी बार भी मैं ऐसा करने में सफल रहा तो?
बंता- तब मुझे पूरा यकीन हो जाएगा कि तुम पहले कभी सर्कस में काम करते होगे।
संता अपने मित्र बंता से बहुत नाराज था। उसने बंता से कहा- तुम दूसरों से यह क्यों क हते फिरते हो कि मैं मूर्ख हूं?
बंता ने जवाब दिया- माफ करना यार, मुझे यह नहीं मालूम था कि यह बात गुप्त रखनी है।
संता (बंता से)- कल मेरा बेटा आ रहा है।
बंता (संता से)- लेकिन उसे तो पांच साल की सजा हुई थी।
संता- हां, लेकिन उसके अच्छे व्यवहार के कारण उसकी सजा का एक साल माफ कर दिया गया है।
बंता- बहुत अच्छा! भगवान ऐसी औलाद सबको दे।
संता एक दिन तालाब के किनारे घूम रहा था। वहां उसने एक मेढ़क देखा। संता ने मेढ़क से पूछा- क्या सरदार पागल होते हैं?
मेढ़क उसकी आवाज सुनकर पानी में कूद गया।
संता बोला- अरे यार इसमें सुसाइड करने वाली कौन सी बात थी।
संता सिंह ने अपनी रेलयात्रा के दौरान अपना देशी घी का बड़ा सा डिब्बा अनजाने में ट्रेन रोकने वाली जंजीर पर टांग दिया।
ट्रेन रुकी तो गार्ड खिंची हुई जंजीर तलाश करता हुआ डिब्बे में पहुंचा। उसने जंजीर पर डिब्बा टंगा देखा तो गुस्से से बोला- यह डिब्बा किसका है?
संता बोले- मेरा है।
गार्ड- जानते हो इसकी वजह से ट्रेन रुक गई है।
संता (खुश होकर)- भई वाह! देशी घी की असल ताकत का आज पता चला।
संता (बंता से)- तुमने अपनी ज्वेलरी शॉप को वातानुकूलित क्यों बनाया है?
बंता (संता से)- वह इसलिए कि गहनों का दाम सुनकर ग्राहकों को पसीना न आए।
संता सिंह एक बार ट्रक लेकर कही जा रहे थे। रास्ते में उनका ट्रक खराब हो गया। संता ने ट्रक ले जाने के लिए एक दूसरे ट्रक की व्यवस्था की और अपने ट्रक को खींचकर गैराज ले जाने लगे।
रास्ते में एक ढाबे पर बंता सिंह दिखाई दिए। बंता, संता सिंह को ट्रक ले आते देख जोर-जोर से हंसने लगा।
संता ने गुस्से में पूछा- क्या तूने कभी ट्रक नहीं देखा।
बंता ने हंसते हुए जवाब दिया- ओए नहीं यार! ट्रक तो देखा है, लेकिन ऐसा पहले बार देखा है कि दो ट्रक मिलकर एक रस्सी को ले जा रहे हैं।
संता (बंता से) - यार, विवाह के बाद और विवाह के पहले वाली स्थिति में क्या बदलाव आया है?
बंता (संता से)- भाई पहले मैं ऑफिस से लौटते ही प्रेमिका के घर के चक्कर लगाया करता था। लेकिन अब मुझे घर पहुंचते ही चक्कर आने लगता है।
संता (थाना प्रभारी से)- मुझे जल्दी गिरफ्तार कर लीजिए, मैंने अपनी पत्नी को लाठी से मारा है।
थाना प्रभारी (संता से)- क्या वह मर गई?
संता- नहीं साहब, वह लाठी लेकर मेरे पीछे आ रही है।
संता एक बार में बैठा रो रहा था।
बंता ने पूछा- यार संता तुम क्यों रो रहे हो?
संता- यार एक लड़की को भूलने की कोशिश कर रहा हूं।
बंता- इसमें रोने की क्या बात है?
संता- जिस लड़की को भूलने की कोशिश कर रहा हूं, उसका नाम याद नहीं आ रहा।
संता (बंता से)- यार बंता, पता है कल मिसेज शर्मा की जुबान अचानक बंद हो गई।
बंता (संता से)- अच्छा! मैं अभी अपनी पत्नी को उन्हें देखने के लिए भेजता हूं।
संता- क्या तुम्हारी पत्नी उनकी सहेली है?
बंता- ओए नहीं यार, लेकिन मैं सोचता हूं कि अगर यह छूत की बीमारी निकली तो मेरी आजादी तो नजदीक है।
संता-बंता एक कार में बम लगा रहे थे।
संता (बंता से)- अगर बम लगाते समय यह ब्लास्ट कर गया तो?
बंता (संता से)- अरे तो क्या हुआ मेरा पास एक और बम है।
संता सिंह की नई नौकरी लगी। पहले दिन संता ने बहुत देर तक काम किया। संता का बॉस उससे बड़ा खुश हुआ।
अगले दिन बॉस ने संता को अपने केबिन में बुलाकर पूछा- कल तुमने देर रात तक क्या किया?
संता- कुछ नहीं सर दरअसल, कीबोर्ड में एल्फाबेट्स क्रम में नहीं थे, उन्हीं को ठीक कर रहा था।
अमेरिकी (संता से)- हमारे यहां नब्बे प्रतिशत शादियां ईमेल से होती है।
संता (अमेरिकी से)- क्या बात कर रहे हो! हमारे यहां तो सौ फीसदी शादियां फीमेल से ही होती हैं।
बंता (दुकानदार से)- तुमने मुझे धोखा दिया।
दुकानदार (बंता से)- वो कैसे?
बंता- तुमने कहा था यह रेडियो अमेरिका का बना है, मगर जब मैंने इसे चलाया तब इसमें से आवाज आई कि यह है ऑल इंडिया रेडियो।
संता (बंता से)- भाई संता, तुम इतने दिन से नजर नहीं आ रहे थे, कहीं बाहर गए थे।
बंता (संता से)- हां, मैं श्रमदान करने गया था।
संता- मैं समझा नहीं।
बंता- दरअसल, मुझे छह महीने का सश्रम कारावास मिला था।
संता (बंता से)-यार, होटल का बिल तू दे दे। मैं अपना पर्स घर पर भूल आया हूं।
बंता (संता से)- तो क्या हुआ? एक दोस्त ही दूसरे दोस्त के काम आता है। यह लो पचास रुपए।
संता- पर बिल तो तीन सौ रुपए का है।
बंता- यह बिल के पैसे नहीं है, घर जाने का किराया है। घर जाओ और पर्स लेकर आओ।
संता (बंता से)- बंता भाई, मेरे समझ में नहीं आता कि ड्रिंकिंग और ड्राइविंग साथ-साथ क्यों नहीं कर सकते हैं?
बंता (संता से)- क्योंकि स्पीड ब्रेकर आने पर गिलास गिर सकता है।
संता (प्रेमिका से)- जानती हो जितनी देर मैं एक सांस लेता हूं, उतनी देर में देश में एक नया बच्चा जन्म लेता है।
प्रेमिका (संता से)- हाय राम! तब तुम अपनी गंदी आदत छोड़ क्यों नहीं देते। देश की आबादी पहले से ही इतनी बढ़ी हुई है।
टिकट चेकर (संता से)- अपना टिकट दिखाओ?
संता (टिकट चेकर से)- यह रहा।
टिकट चेकर- पर यह तो लिफाफे में लगाने वाला टिकट है।
संता-तो क्या हुआ जब यह लिफाफा इस टिकट के सहारे पूरी दुनिया में घूम सकता है, तो क्या मैं इस टिकट से यह शहर नहीं घूम सकता।
संता (बंता से)- यार ये बताओ शादी के बाद जिंदगी में क्या बदलाव आया है?
बंता (संता से)- कुछ नहीं बस शादी के पहले तन्हाई काटने को दौड़ती थी और अब बीवी।
संता (बंता से)- क्या तुम बिना खाना खाए जीवित रह सकते हो?
बंता (संता से)- नहीं।
संता- लेकिन मैं रह सकता हूं।
बंता- कैसे?
संता- नाश्ता करके और कैसे।
संता (बंता से)- अरे यार तुम्हारे दांत कैसे टूट गए?
बंता (संता से)- हंसने के कारण।
संता (बंता से)- मैं समझा नहीं।
बंता (संता से)- कुछ नहीं यार कल मैं एक पहलवान को देखकर हंस रहा था।
संता सिंह बौर बंता सिंह गाना गा रहे थे। जहां संता सिंह खड़े हो कर गाना गा रहा था वहीं बंता सिंह शीर्षासन में गाना गा रहा था।
तभी वहां से एक आदमी गुजरा और उसने संता सिंह से पूछा भई ये सिर के बल खड़ा होकर गाना क्यों गा रहा है।
संता सिंह ने जवाब दिया- अरे बुद्धु इतना भी नहीं समझे ये मैं साइड ए गा रहा हूं और ये साइड बी।
संता (बंता से)- भारतीय और अमेरिकी सभ्यता में अंतर बताओ?
बंता (संता से)- जन्मदिन के अवसर पर जिन शब्दों का प्रयोग भारतीय करते हैं, उन्हीं शब्दों का प्रयोग अमेरिकी विवाह के समय करते हैं।
संता (बंता से)- ऐसे कौन से शब्द हैं?
बंता (संता से)- हमारी दुआ है कि यह दिन बार-बार आए।
संता (बंता से)- यार, परसों तुम घर में शासन कैसे करें नाम की एक किताब लाए थे। क्या उससे तुम्हें कुछ लाभ हुआ?
बंता (संता से)- तुम लाभ की बात करते हो, यहां मैं और मुसीबत में फंस गया हूं।
संता (बंता से)- कैसे?
बंता (संता से): असल में वह किताब मेरी बीवी के हाथ लग गई और आजकल वही उसे पढ़ रही है।
संता (बंता से)- बंता यार तूने तो कहा था कि यहां घुटने-घुटने तक पानी है लेकिन मैं तो डूबने वाला था।
बंता (संता से)- बात यह है कि मैं तो यहां नया आया हूं। मैंने सुबह बत्तखों को इस पानी से गुजरते हुए देखा था। उनके तो घुटने-घुटने तक ही पानी था।
संता (बंता से)- तुम्हारे लिए महत्वपूर्ण क्या है, पैसा या स्वास्थ्य?
बंता (संता से)- स्वास्थ्य?
संता (बंता से)- फिर तुम मुझसे अपने उधार पैसे वापस लेने की टेंशन मत लो।
संता (बंता से)- मैं चाहता हूं कि मेरी पत्नी अक्लमंद हो, खूबसूरत हो और मीठी जुबान वाली हो।
बंता (संता से)- लेकिन इतनी महंगाई में तुम तीन पत्नियों का खर्च कैसे बर्दाश्त करोगे?
संता (बंता से)- कल रात मेरा पड़ोसी आधी रात को अचानक मेरा दरवाजा पीटने लगा।
बंता (संता से)- तब तो तुम बहुत परेशान हुए होगे?
संता (बंता से)- नहीं, मैं तो पहले की तरह से ही गाना गाता रहा।
संता (बंता से)- कल मेरी लक्की से फिर लड़ाई हो गई। मैं उसे जिंदा नहीं छोड़ने वाला था। लेकिन किसी वजह से रुक गया।
बंता (संता से)- किस वजह से?
संता (बंता से)- वह मुझे पहले भी 5 बार पीट चुका है।
संता (बंता से)- मेरी पत्नी ने कहा था कि जब आपको छींक आए तो समझना मैंने आपको याद किया है, और तुम मेरे पास चले आना।
बंता (संता से)- तो क्या हुआ? अपनी पत्नी के पास चले जाओ।
संता (बंता से)- लेकिन यार, मेरी पत्नी का तो देहांत हो गया है।
संता (बंता से)- मेरे दादा जी की घड़ी कुएं में गिर गई और जब तीस साल बाद वह घड़ी कुएं से मिली तो वह घड़ी सही समय बता रही थी।
बंता (संता से)- मेरे दादाजी कुएं में गिर गए थे और जब तीस साल के बाद निकाले गए तब भी वह जीवित और बिल्कुल सही सलामत थे।
संता (बंता से)- पर वह कुएं में तीस साल तक कर क्या रहे थे?
बंता (संता से)- तुम्हारे दादाजी की घड़ी में चाभी दे रहे थे।
संता सिंह अपने बेटे को बच्चागाड़ी में घुमा रहा था, जो मिलता वही पूछता- संता सिंह, अपने बेटे को घुमा रहे हो!
इस सवाल से तंग आकर संता सिंह ने एक व्यक्ति को जवाब दिया, जी नहीं, पड़ोसी का बच्चा है।
तभी मैं कहूं कि इसकी शक्ल आपके पड़ोसी से इतनी क्यों मिल रही है। उसने छूटते ही कहा।
पुलिस में नौकरी के लिए संता सिंह इंटरव्यू देने गया।
ऑफिसर (संता से)- अगर बिना लाठी या गोली चलाए तुम्हें भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कहा जाए तो क्या करोगे?
संता (ऑफिसर से)- चंदा मांगना शुरू कर दूंगा।
संता (बंता से)- आजकल दुनिया में कोई आदमी ऐसा नहीं मिलता जो झूठ न बोलता हो।
बंता (संता से)- पर मैं एक लड़के को जानता हूं, वह कभी झूठ नहीं बोलता।
संता (बंता से)- अच्छा, मैं उससे मिलकर कुछ बातें करना चाहता हूं।
बंता (संता से)- ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि वह लड़का गूंगा है।
संता (बंता से)- आज हम अपने नौकर की सिल्वर जुबली मना रहे हैं।
बंता (संता से)- अच्छा! क्या इस नौकर को आपके पास रहते हुए पच्चीस वर्ष हो गए?
संता (बंता से)- नहीं, यह हमारा इस साल का पच्चीसवां नौकर है।
संता (बंता से )- शराब से ज्यादा नुकसान तो पानी ने पहुंचाया है।
बंता (संता से)- नहीं भाई, आप गलत कह रहे हैं।
संता (बंता से )- क्यों, पिछले साल बाढ़ से हजारों लोग मरे नहीं थे?
एक बार संता सिंह की 20 लाख की लाटरी निकली। संता सिंह लाटरी वाले के पास गया। नंबर मिलाने के बाद लाटरी वाले ने कहा- ठीक है सर, हम आपको अभी 1 लाख रूपए देंगे और बाकी के 19 लाख आप अगले 19 हफ्तों तक ले सकते हैं।
संता - नहीं, मुझे तो पूरे पैसे अभी चाहिए नहीं तो आप मेरे 5 रूपए वापस कर दीजिए।
संता और बंता में शर्त लगी कि एक दुर्गधयुक्त कमरे, जिसमें एक बकरा बंधा था, में कौन कितनी देर रहता है।
पहले संता आया और पांच घंटे बाद बाहर आया, फिर बंता गया तो बकरा रस्सी तोड़कर बाहर आ गया।
संता (बंता से)- पता ही नहीं चला कि तुम्हारे साथ बात करते-करते एक घंटा कब बीत गया।
बंता (संता से)- एक घंटा कहां जनाब? पूरे 3 घंटे 12 मिनट 35 सेकेंड हो चुके हैं।
संता-बंता आपस में बातें कर रहे थे।
संता (बंता से)- मेरी पत्नी दूसरी मंजिल से गिर गई।
बंता (संता से)- क्या वह मर गई?
संता (बंता से)-नहीं यार, यह तो अच्छा हुआ कि वह बाल-बाल बच गई।
बंता (संता से)- अरे यार, तुम केवल बालों का क्या करोगे।
संता और बंता पेड़ पर बैठे हुए थे। संता गाना गा रहा था। चार गाने गाने के बाद वह पेड़ पर उल्टा लटक कर गाना गाने लगा।
इस पर बंता ने पूछा- क्या बात है, तुम उल्टे क्यों लटक गए?
संता सिंह ने जवाब दिया- अब मैं बी साइड के गाने गा रहा हूं।
संता (दुकानदार से)- कोई बढि़या कपड़ा दिखाइए।
दुकानदार (संता से)- प्लेन में दिखाऊं?
संता (दुकानदार से)- प्लेन में जाने की क्या जरूरत है, यहीं दिखाओ।
संता (बंता से)- क्या तुम्हारा कभी मूर्खो से पाला पड़ा है?
बंता (संता से)- मैने बहुत कोशिश की कि पाला न पड़े, पर आज मैं तुमसे बच नहीं सका।
संता कवि (बंता से)- मेरी कविताओं का स्तर कैसा है?
बंता (संता कवि से)- बीरबल की तरह।
संता कवि (बंता से)- पर बीरबल तो कविताएं लिखना जानते नहीं थे।
बंता (संता कवि से)- तो आप कहां जानते हैं।
बंता सिंह के पिता की मौत हो गई। संता सिंह उनके अंतिम समय की कुछ तस्वीरें खींचने के लिए वहां गया।
अचानक बंता सिंह ने संता सिंह को जोरदार तमाचा मारा।
लोगों ने पूछा- क्या बात है भई बंता तुमने संता को इतनी तेज क्यों मारा?
बंता बोला- मारूं नहीं तो क्या करूं, खोता बापू की फोटो खींचते वक्त उनसे कह रहा था स्माइल प्लीज!
संता (बंता से)- मुझे अपनी गर्लफ्रेंड को कोई गिफ्ट देना है, क्या दूं?
बंता (संता से)- यार ऐसा कर की गोल्ड रिंग दे दे।
संता (बंता से)- कोई बड़ी चीज बता।
बंता (संता से)- तो फिर गोल्ड रिंग जाने दे, एम.आर.एफ. का टायर दे दे।
संता (बंता से)- तुम तारे गिन सकते हो?
बंता (संता से)- हां, पर रात में नहीं।
संता (बंता से)- रात में क्यों नहीं?
बंता (संता से)- क्योंकि रात को अंधेरा होता है।
संता (बंता से)- अगर तुम बता दो कि मेरे थैले में कितने अंडे हैं तो आठ तुम्हारे आठ मेरे। और अगर ये भी बता दो कि किस जानवर के हैं तो वह मुर्गी भी तुम्हारी!
बंता (संता से)- यार कोई तो हिंट दे।
संता सिंह को एक हाइवे पर सड़क के बीचोंबीच पीली पट्टी पोतने का काम मिला। पहले दिन संता सिंह ने छह मील सड़क पोत दी, दूसरे दिन तीन मील और तीसरे दिन सिर्फ आधा मील।
ठेकेदार ने संता सिंह से पूछा- तुम्हारा काम कम क्यों होता जा रहा है?
संता- मैं क्या करूं। हर दिन बीतने पर मैं पेंट की बाल्टी से दूर जो होता जा रहा हूं।
संता (बंता से)- यह चाकू क्यों उबाल रहे हो?
बंता (संता से)- आत्महत्या करने के लिए।
संता (बंता से)- तो फिर इसे उबालने की क्या जरूरत है?
बंता (संता से) - जंग लगे चाकू से कहीं इन्फेक्शन हो गया तो?
संता (बंता से)- मरते वक्त इंसान को क्या देना चाहिए?
बंता (संता से)- बिरला सीमेंट।
संता (बंता से)- बिरला सीमेंट! वह क्यों?
बंता (संता से)- क्योंकि इसमें जान है।
संता (बंता से)- तुम्हारे दांत कैसे टूट गए?
बंता (संता से)- हंसने के कारण।
संता (बंता से)- क्या मतलब?
बंता (संता से)- हां यार, कल मैं एक पहलवान को देखकर हंस पड़ा था।
संता (बंता से)- योर बर्थ प्लेस
बंता (संता से)- पंजाब
संता (बंता से)- व्हीच पार्ट
बंता (संता से)- ओए ये पार्ट वार्ट क्या कर रहा है मैंनू ते होल बॉडी बोर्न इन पंजाब।
संता (बंता से)- तुम इतने कमजोर कैसे हो गए!
बंता (संता से)- दवाइयां खा-खाकर।
संता (बंता से)- लेकिन इतनी दवाइयां क्यों खाई?
बंता (संता से)- कमजोरी दूर करने के लिए।
भैंस चोरी हो जाने पर संता ने बंता से कहा कि वह चोरी की रिपोर्ट लिखवा आए।
बंता (संता से)- पर थाने जाकर कहूंगा क्या?
संता (बंता से)- थाने जा कर कहना कि तारे चमक रहे थे, कुत्ते भौंक रहे थे। चोर आया, दीवार फांदी और भैंस चुरा कर ले गया।
थाने पहुंच कर बंता गड़बड़ा गया।
बंता (दरोगा जी से)- कुत्ते चमक रहे थे, तारे भौंक रहे थे। चोर आया, भैंस फांदी और दीवार चुरा कर ले गया।
संता (बंता से)- पहले तो सिर्फ रात को ही मच्छर काटते थे, अब दिन में भी काटने लगे हैं।
बंता (संता से)- दोस्त, महंगाई की मार ऐसी है कि इंसान तो क्या, अब मच्छरों को भी दिन-रात काम करना पड़ रहा है।
संता (बंता से)- बंता तुम्हारे हाथ पर पट्टी कैसे बंधी है?
बंता (संता से)- मोटर एक्सीडेंट हो गया था।
संता (बंता से)- अच्छा इतनी चोट लगी।
बंता (संता से)- नहीं मुझे तो खरोंच भी नहीं लगी परंतु एक राहगीर को धक्का लग गया था।
संता (बंता से)- तो तुम्हारे हाथ पर पट्टियां कैसी हैं?
बंता (संता से)- वह राहगीर कल रास्ते में मुझे मिल गया था।
संता (बंता से)- जल्दी चलो, मेरी बीवी खिड़की से कूद कर जान देने वाली है।
बंता (संता से)- तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं?
संता (बंता से)- अरे यार, वह खिड़की खुल नहीं रही है।
संता (प्रेमिका से)- आज मैं तुम्हें अपने बारे में ऐसी बात बताता हूं, जिसे मैंने अभी तक छिपाकर रखा था।
प्रेमिका (संता से)- क्या बात है!
संता (प्रेमिका से)- मैं शादीशुदा हूं।
प्रेमिका (संता से)- ओह! मैं समझी कि तुम कहोगे कि यह कार तुम्हारी नहीं है।
संता (बंता से)- अरे, मैंने तो लिफाफे पर चिपकाने वाले टिकट खरीदने के लिए तुम्हें पैसे दिए थे, फिर ये पैसे वापस कैसे ले आए?
बंता (संता से)- कोई मुझे देख नहीं रहा था, इसलिए बिना टिकट लगाए ही लिफाफा मैंने लेटर बॉक्स में डाल दिया।
संता (बंता से)- अरे ये सादा पोस्टकार्ड किसने भेजा है?
बंता (संता से)- मेरी पत्नी ने।
संता (बंता से)- लेकिन इस पर कुछ लिखा क्यों नहीं है?
बंता (संता से)- क्योंकि आजकल हमारे बीच बोलचाल बंद है।
संता (बंता से)- यार, परसों तुम घर में शासन कैसे करें नाम की एक किताब लाए थे। क्या उससे तुम्हें कुछ लाभ हुआ?
बंता (संता से)- तुम लाभ की बात करते हो, यहां मै और मुसीबत में फंस गया हूं।
संता (बंता से)- कैसे?
बंता (संता से)- असल में वह किताब मेरी बीवी के हाथ लग गई और आजकल वही उसे पढ़ रही है।
संता (बंता से)- एक बार मैंने एक शेर की टांग तोड़ दी, एक हाथी की सूंड़ तोड़ दी।
बंता (संता से)- फिर क्या हुआ।
संता (बंता से)- होना क्या था, दुकान के मालिक ने मेरे पैर की हड्डी तोड़ दी।
संता ने फोन पर नंबर डायल किया। दूसरी तरफ से एक लड़की ने फोन रिसीव किया।
संता (लड़की से)- हैलो आप कौन बोल रहे हैं?
लड़की (संता से)- जी, मैं सीता बोल रही हूं।
संता (लड़की से)- अरे मैंने तो दिल्ली का नंबर मिलाया था, यह तो अयोध्या मिल गया।
संता (बंता से)- मेरी याददाश्त बहुत अच्छी है, लेकिन सिर्फ तीन चीजें ऐसी हैं जिन्हें मैं कभी याद नहीं रख पाता।
बंता (संता से)- कौन-सी तीन चीजें?
संता (बंता से)- एक तो मुझे नाम याद नहीं रहते, दूसरी मुझे सूरतें याद नहीं रहती और तीसरी मुझे वह तीसरी चीज याद नहीं रहती।
संता (बंता से)- तुम्हारी घड़ी में कितने बजे हैं?
बंता (संता से)- बारह!
संता (बंता से)- क्या आपकी घड़ी रेडियो से मिली हुई है?
बंता (संता से)- नहीं, ससुराल से मिली है।
संता (बंता से)- यार, मैं रोज रात को एक बुरा सपना देखता हूं कि चार सुंदर युवतियों से मेरी शादी हो रही है।
बंता (संता से)- मगर इसे बुरा सपना क्यों कहते हो?
संता (बंता से)- तुमने कभी इतनी औरतों के लिए खाना पकाया होता तो पता चलता।
संता (बंता से)- भाई पार्टी किस खुशी में दे रहे हो?
बंता (संता से)- मेरी बाइक खो गई है इसलिए।
संता (बंता से)- लेकिन यह तो दुख की बात है?
बंता (संता से)- हां, लेकिन खुशी की बात यह है कि मैं उस पर बैठा नहीं था, वरना आज मैं भी खो जाता।
बंता (संता से)- यार तूने अपने फ्रिज में खाली बियर की बोतलें क्यों रखी हैं।
संता (बंता से)- ओए यार ये उनके लिए है जो बीयर नहीं पीते।
संता बंता कहीं जा रहे थे, तभी उन्हें सड़क पर दो ट्रक दिखाई दिए, जो एक रस्सी से बंधे थे।
संता ने बंता से पूछा- यार इन ट्रकों के बीच रस्सी क्यों बंधी है?
बंता ने जवाब दिया- ओए बेवकूफ! इतनी मोटी रस्सी ले जाने के लिए दो ट्रक की तो जरूरत पड़ेगी न।
संता (बंता से)- ऐसा क्यों कहा जाता है कि प्यार दिमाग से नहीं दिल से किया जाता है?
बंता (संता से)- अरे यार, सीधी-सी बात है, जिसके पास दिमाग होगा वह प्यार के लफड़े में पड़ेगा ही क्यों?
संता (बंता से)- तुम सोकर कितने बजे उठते हो?
बंता (संता से)- जब सूरज की किरणें खिड़कियों से होकर मेरे कमरे में आने लगती हैं।
संता (बंता से)- वाह, तुम तो एकदम सुबह उठ जाते हो।
बंता (संता से)- नहीं, दरअसल मेरी खिड़कियां पश्चिम की तरफ खुलती हैं।
संता (प्रेमिका से)- मैं आजकल साहित्य की सेवा में लगा हूं।
प्रेमिका (संता से)- सच! क्या काम कर रहे हो?
संता (प्रेमिका से)- साहित्यकार की पुस्तकों पर जिल्दें चढ़ा रहा हूं।
संता (बंता से)- मेरी याददाश्त बहुत अच्छी है। लेकिन सिर्फ तीन चीजें ऐसी हैं जिन्हें मैं कभी याद नहीं रख पाता।
बंता (संता से)- कौन सी तीन चीजें?
संता (बंता से)- एक तो मुझे नाम याद नहीं रहते, दूसरी मुझे सूरतें याद नहीं रहती और तीसरी मुझे वह तीसरी चीज याद नहीं रहती।
संता (बंता से)- परेशान क्यों हो?
बंता (संता से)- मैं अपनी सास को दफना कर आ रहा हूं।
संता (बंता से)- बड़ा अफसोस हुआ, लेकिन तुम्हारे कपड़े क्यों फटे हैं।
बंता (संता से)- वो मुझसे बहुत देर तक झगड़ती रही। फिर काफी जबर्दस्ती करने के बाद ही दफना पाया।
बंता (संता से)- तुम्हारी बीवी को हरदम किचन में ही काम करते हुए देखता हूं, तुम अपनी बीवी से इतना काम करवाते हो?
संता (बंता से)- यह बात नहीं है। दरअसल हमारे घर में एक ही आइना है और वह किचन में है।
संता (बंता से) मैं और मेरी पत्नी 25 साल से सुखी जीवन जी रहे हैं।
बंता (संता से)- वो कैसे?
संता (बंता से)- मैं और मेरी पत्नी हफ्ते में एक बार किसी होटल में जाते हैं, वहां खूब स्वादिष्ट भोजन करते हैं। यह अलग बात है कि वो सोमवार को होटल जाती है और मैं मंगलवार को।
संता (बंता से)- केले के साथ उसका छिलका भी खाना चाहिए।
बंता (संता से)- क्या इससे हाथ पैर स्वस्थ रहते हैं?
संता (बंता से)- जी हां, लेकिन खाने वालों के नहीं, बल्कि रास्ते चलने वालों के।
संता (बंता से)- दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है जो अपनी मूर्खता पर भी जश्न मनाते हैं।
बंता (संता से)- कैसे? मैं तुम्हारी बात समझ नहीं पा रहा हूं।
संता (बंता से)- सीधी सी बात है, लोग पहले तो शादी करते हैं और फिर वर्षगांठ भी मनाते हैं।
संता (बंता से)- यार, जब तक मैं घर नहीं जाता तब तक वह खाना नहीं खाती।
बंता (संता से)- वाह! तुम्हारी पत्नी तो तुम्हें बहुत प्यार करती है।
संता (बंता से)- ऐसी बात नहीं है।
बंता (संता से)- तो फिर क्या है?
संता (बंता से)- दरअसल, घर पहुंचकर खाना मैं ही बनाता हूं
संता-बंता मिस्र घूमने गए। वहां उन्होंने एक ममी देखी।
संता (बंता से) - कितनी पट्टियां बंधी हैं बेचारे के, जरूर ट्रक एक्सीडेंट से मरा होगा।
बंता (संता से)- हां, देखो ट्रक का नंबर भी लिखा है- बी.सी. 1760।
संता (बंता से)- यार बंता तुम्हारा जन्मदिन कब पड़ता है?
बंता (संता से)- 25 जनवरी।
संता (बंता से)- किस साल?
बंता (संता से)- ओए, हर साल।
संता एक अखबार के दफ्तर पहुंचा। वहां जाकर उसने कहा- मैं अपने दोस्त की मौत पर एक शोक संदेश छपवाना चाहता हूं। क्या रेट है?
जवाब मिला- चालीस रुपए प्रति इंच।
संता ने कहा- बाप रे! यह तो मुझे बहुत महंगा पड़ेगा। मेरा दोस्त तो 6 फुट लंबा था।
संता सिंह की बीवी मर गई। बंता सिंह सांत्वना देने गया।
बंता सिंह (संता से)- तुम्हारी बीवी की मौत का बड़ा अफसोस है। वैसे हुआ क्या था?
संता सिंह (रोते हुए)- माथे पर गोली लगी थी।
बंता सिंह (संता से)- चलो आंख तो बच गई।
संता सिंह एक लड़की को छेड़ रहा था।
लड़की ने उसको डांटते हुए कहा - अगर जरा भी शर्म है तो जाकर डूब मरो।
संता सिंह ने जवाब दिया- मैं आपके हुक्म की तामील जरूर करता पर अफसोस है मै ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि मुझे तैरना आता है।
संता मुंबई घूमने गया। गेटवे ऑफ इंडिया पर खड़े होकर वह कबूतर देखने लगा। वहां पुलिस की वर्दी में एक ठग ने उसे टोका- क्या तुम्हे पता नहीं है कि यहां कबूतर देखने के भी पैसे लगते हैं। कितने कबूतर देखे?
संता ने जवाब दिया- जी पंद्रह।
ठग संता सिंह से पंद्रह रुपए लेकर चलता बना।
वापस लौट कर संता सिंह ने अपनी पत्नी से कहा- मैंने मुंबई में एक पुलिस वाले को ठग लिया।
पत्नी ने पूछा- कैसे?
संता सिंह ने जवाब दिया- मैंने वहां पच्चीस कबूतर देखे लेकिन रुपए पंद्रह कबूतर के ही दिए।
संता (बंता से)- यार पेट्रोल के दाम फिर बढ़ गए हैं।
बंता (संता से)- क्या फर्क पड़ता है यार मैं तब भी सौ रुपए का पेट्रोल डलवाता था और आज भी उतने का ही डलवाता हूं।
संता (अपनी प्रेमिका से)- अगर तुम्हारे पिता ने हमारी शादी नहीं होने दी तो मैं जहर खा लूंगा और फिर भूत बनकर उनको डराया करूंगा।
प्रेमिका (संता से)- कोई फायदा नहीं मेरे पिता भूत-प्रेतों पर विश्वास नहीं करते।
संता (बंता से)- यार, कल शाम मैं गाड़ी चलाता हुआ जंगल में जा पहुंचा, तभी कुछ लोगों ने मुझे आ घेरा और मेरे सारे रुपए, घड़ी यहां तक कि गाड़ी भी छीन ली।
बंता (संता से)- लेकिन तुम्हारे पास पिस्तौल भी तो थी।
संता (बंता से)- हां यार, मुझे इसी बात की चिंता हो रही थी कि कहीं वे मेरी पिस्तौल न देख लें।
मुकेश की पत्नी उसकी शराब पीने और जुआ खेलने की आदत से काफी परेशान थी। एक रोज दोनों बाजार से गुजर रहे थे कि तभी एक भिखारी उनके पास आया और एक रुपया मांगने लगा।
मुकेश- क्या तुम जुआ खेलते हो, शराब पीते हो?
भिखारी- जी नहीं साहब।
मुकेश- (अपनी पत्नी की ओर देखते हुए)- देखा जो लोग सिगरेट शराब नहीं पीते और जुआ नहीं खेलते हैं उनकी यही हालत होती है।
संता (बेटे से)- इतने कम नंबर! थप्पड़ मारने चाहिए..।
संता का बेटा (संता से)- हां, पापा। चलो मैंने उस मास्टर का घर देखा है।
संता (बंता से)- मेरी पत्नी की याददाश्त बहुत ही खराब है।
बंता (संता से)- क्या सारी बातें भूल जाती है?
संता (बंता से)- नहीं, छोटी-छोटी बात भी याद रखती है।
संता (बंता से)- वो कैसे?
बंता- मैने कहा आई लव यू, तो वह बोली मैंने कल ही नए सैंडल खरीदे हैं।
संता (बंता से)- शादी क्या है?
बंता (संता से)- शादी चुइंगम है, जो शुरू-शुरू में मीठी लगती है फिर कितना भी चबाइए, बेस्वाद ही लगेगी।
संता (बंता से)- मुझे रात भर नींद नहीं आई।
बंता (संता से)- क्यों नहीं आई?
संता- क्योंकि कल रात भर नींद में मैं यही सपना देखता रहा कि मैं जाग रहा हूं।
संता (बंता से)- मैं अपना पर्स घर भूल आया मुझे 1000 रूपए की जरूरत है।
बंता (संता से)- दोस्त ही दोस्त के काम आता है ले 10 रूपए रिक्शा कर के पर्स ले आ।
जब टाइटेनिक डूब रहा था और सब भाग रहे थे, तब संता ने एक अमेरिकन से पूछा- यहां से जमीन कितनी दूर है?
अमेरिकन (संता से)- करीब दो मील दूर।
संता (अमेरिकन से)- अरे वाह! मैं तो बहुत अच्छा तैराक हूं। और वह कूद गया।
संता (कूदने के बाद)- जमीन किस ओर है?
अमेरिकन- नीचे की ओर।
बंता आधी रात को शराब के नशे में जा रहा था। उसका एक पैर फुटपाथ पर पड़ता और दूसरा सड़क पर। पीछे से थानेदार संता ने उसे एक डंडा जमाते हुए पूछा- क्यों रे, कितनी पी रखी है तूने?
बंता ने संभलते हुए कहा- याद दिलाने के लिए शुक्रिया कि मैंने पी रखी है। एक घंटे से तो मैं यही सोचकर परेशान था कि मैं अचानक लंगड़ा कैसे हो गया।
संता (बंता से)- यदि मैं घर की चौथी मंजिल से कूदकर बच जाऊं, तो इसे तुम क्या कहोगे?
बंता (संता से)- महज संयोग।
संता- यदि दोबारा मैं ऐसा करके बच जाऊं तो?
बंता- विशेष संयोग।
संता-मान लो, तीसरी बार भी मैं ऐसा करने में सफल रहा तो?
बंता- तब मुझे पूरा यकीन हो जाएगा कि तुम पहले कभी सर्कस में काम करते होगे।
संता अपने मित्र बंता से बहुत नाराज था। उसने बंता से कहा- तुम दूसरों से यह क्यों क हते फिरते हो कि मैं मूर्ख हूं?
बंता ने जवाब दिया- माफ करना यार, मुझे यह नहीं मालूम था कि यह बात गुप्त रखनी है।
संता (बंता से)- कल मेरा बेटा आ रहा है।
बंता (संता से)- लेकिन उसे तो पांच साल की सजा हुई थी।
संता- हां, लेकिन उसके अच्छे व्यवहार के कारण उसकी सजा का एक साल माफ कर दिया गया है।
बंता- बहुत अच्छा! भगवान ऐसी औलाद सबको दे।
संता एक दिन तालाब के किनारे घूम रहा था। वहां उसने एक मेढ़क देखा। संता ने मेढ़क से पूछा- क्या सरदार पागल होते हैं?
मेढ़क उसकी आवाज सुनकर पानी में कूद गया।
संता बोला- अरे यार इसमें सुसाइड करने वाली कौन सी बात थी।
संता सिंह ने अपनी रेलयात्रा के दौरान अपना देशी घी का बड़ा सा डिब्बा अनजाने में ट्रेन रोकने वाली जंजीर पर टांग दिया।
ट्रेन रुकी तो गार्ड खिंची हुई जंजीर तलाश करता हुआ डिब्बे में पहुंचा। उसने जंजीर पर डिब्बा टंगा देखा तो गुस्से से बोला- यह डिब्बा किसका है?
संता बोले- मेरा है।
गार्ड- जानते हो इसकी वजह से ट्रेन रुक गई है।
संता (खुश होकर)- भई वाह! देशी घी की असल ताकत का आज पता चला।
संता (बंता से)- तुमने अपनी ज्वेलरी शॉप को वातानुकूलित क्यों बनाया है?
बंता (संता से)- वह इसलिए कि गहनों का दाम सुनकर ग्राहकों को पसीना न आए।
संता सिंह एक बार ट्रक लेकर कही जा रहे थे। रास्ते में उनका ट्रक खराब हो गया। संता ने ट्रक ले जाने के लिए एक दूसरे ट्रक की व्यवस्था की और अपने ट्रक को खींचकर गैराज ले जाने लगे।
रास्ते में एक ढाबे पर बंता सिंह दिखाई दिए। बंता, संता सिंह को ट्रक ले आते देख जोर-जोर से हंसने लगा।
संता ने गुस्से में पूछा- क्या तूने कभी ट्रक नहीं देखा।
बंता ने हंसते हुए जवाब दिया- ओए नहीं यार! ट्रक तो देखा है, लेकिन ऐसा पहले बार देखा है कि दो ट्रक मिलकर एक रस्सी को ले जा रहे हैं।
संता (बंता से) - यार, विवाह के बाद और विवाह के पहले वाली स्थिति में क्या बदलाव आया है?
बंता (संता से)- भाई पहले मैं ऑफिस से लौटते ही प्रेमिका के घर के चक्कर लगाया करता था। लेकिन अब मुझे घर पहुंचते ही चक्कर आने लगता है।
संता (थाना प्रभारी से)- मुझे जल्दी गिरफ्तार कर लीजिए, मैंने अपनी पत्नी को लाठी से मारा है।
थाना प्रभारी (संता से)- क्या वह मर गई?
संता- नहीं साहब, वह लाठी लेकर मेरे पीछे आ रही है।
संता एक बार में बैठा रो रहा था।
बंता ने पूछा- यार संता तुम क्यों रो रहे हो?
संता- यार एक लड़की को भूलने की कोशिश कर रहा हूं।
बंता- इसमें रोने की क्या बात है?
संता- जिस लड़की को भूलने की कोशिश कर रहा हूं, उसका नाम याद नहीं आ रहा।
संता (बंता से)- यार बंता, पता है कल मिसेज शर्मा की जुबान अचानक बंद हो गई।
बंता (संता से)- अच्छा! मैं अभी अपनी पत्नी को उन्हें देखने के लिए भेजता हूं।
संता- क्या तुम्हारी पत्नी उनकी सहेली है?
बंता- ओए नहीं यार, लेकिन मैं सोचता हूं कि अगर यह छूत की बीमारी निकली तो मेरी आजादी तो नजदीक है।
संता-बंता एक कार में बम लगा रहे थे।
संता (बंता से)- अगर बम लगाते समय यह ब्लास्ट कर गया तो?
बंता (संता से)- अरे तो क्या हुआ मेरा पास एक और बम है।
संता सिंह की नई नौकरी लगी। पहले दिन संता ने बहुत देर तक काम किया। संता का बॉस उससे बड़ा खुश हुआ।
अगले दिन बॉस ने संता को अपने केबिन में बुलाकर पूछा- कल तुमने देर रात तक क्या किया?
संता- कुछ नहीं सर दरअसल, कीबोर्ड में एल्फाबेट्स क्रम में नहीं थे, उन्हीं को ठीक कर रहा था।
अमेरिकी (संता से)- हमारे यहां नब्बे प्रतिशत शादियां ईमेल से होती है।
संता (अमेरिकी से)- क्या बात कर रहे हो! हमारे यहां तो सौ फीसदी शादियां फीमेल से ही होती हैं।
बंता (दुकानदार से)- तुमने मुझे धोखा दिया।
दुकानदार (बंता से)- वो कैसे?
बंता- तुमने कहा था यह रेडियो अमेरिका का बना है, मगर जब मैंने इसे चलाया तब इसमें से आवाज आई कि यह है ऑल इंडिया रेडियो।
संता (बंता से)- भाई संता, तुम इतने दिन से नजर नहीं आ रहे थे, कहीं बाहर गए थे।
बंता (संता से)- हां, मैं श्रमदान करने गया था।
संता- मैं समझा नहीं।
बंता- दरअसल, मुझे छह महीने का सश्रम कारावास मिला था।
संता (बंता से)-यार, होटल का बिल तू दे दे। मैं अपना पर्स घर पर भूल आया हूं।
बंता (संता से)- तो क्या हुआ? एक दोस्त ही दूसरे दोस्त के काम आता है। यह लो पचास रुपए।
संता- पर बिल तो तीन सौ रुपए का है।
बंता- यह बिल के पैसे नहीं है, घर जाने का किराया है। घर जाओ और पर्स लेकर आओ।
संता (बंता से)- बंता भाई, मेरे समझ में नहीं आता कि ड्रिंकिंग और ड्राइविंग साथ-साथ क्यों नहीं कर सकते हैं?
बंता (संता से)- क्योंकि स्पीड ब्रेकर आने पर गिलास गिर सकता है।
संता (प्रेमिका से)- जानती हो जितनी देर मैं एक सांस लेता हूं, उतनी देर में देश में एक नया बच्चा जन्म लेता है।
प्रेमिका (संता से)- हाय राम! तब तुम अपनी गंदी आदत छोड़ क्यों नहीं देते। देश की आबादी पहले से ही इतनी बढ़ी हुई है।
टिकट चेकर (संता से)- अपना टिकट दिखाओ?
संता (टिकट चेकर से)- यह रहा।
टिकट चेकर- पर यह तो लिफाफे में लगाने वाला टिकट है।
संता-तो क्या हुआ जब यह लिफाफा इस टिकट के सहारे पूरी दुनिया में घूम सकता है, तो क्या मैं इस टिकट से यह शहर नहीं घूम सकता।
संता (बंता से)- यार ये बताओ शादी के बाद जिंदगी में क्या बदलाव आया है?
बंता (संता से)- कुछ नहीं बस शादी के पहले तन्हाई काटने को दौड़ती थी और अब बीवी।
संता (बंता से)- क्या तुम बिना खाना खाए जीवित रह सकते हो?
बंता (संता से)- नहीं।
संता- लेकिन मैं रह सकता हूं।
बंता- कैसे?
संता- नाश्ता करके और कैसे।
संता (बंता से)- अरे यार तुम्हारे दांत कैसे टूट गए?
बंता (संता से)- हंसने के कारण।
संता (बंता से)- मैं समझा नहीं।
बंता (संता से)- कुछ नहीं यार कल मैं एक पहलवान को देखकर हंस रहा था।
संता सिंह बौर बंता सिंह गाना गा रहे थे। जहां संता सिंह खड़े हो कर गाना गा रहा था वहीं बंता सिंह शीर्षासन में गाना गा रहा था।
तभी वहां से एक आदमी गुजरा और उसने संता सिंह से पूछा भई ये सिर के बल खड़ा होकर गाना क्यों गा रहा है।
संता सिंह ने जवाब दिया- अरे बुद्धु इतना भी नहीं समझे ये मैं साइड ए गा रहा हूं और ये साइड बी।
संता (बंता से)- भारतीय और अमेरिकी सभ्यता में अंतर बताओ?
बंता (संता से)- जन्मदिन के अवसर पर जिन शब्दों का प्रयोग भारतीय करते हैं, उन्हीं शब्दों का प्रयोग अमेरिकी विवाह के समय करते हैं।
संता (बंता से)- ऐसे कौन से शब्द हैं?
बंता (संता से)- हमारी दुआ है कि यह दिन बार-बार आए।
संता (बंता से)- यार, परसों तुम घर में शासन कैसे करें नाम की एक किताब लाए थे। क्या उससे तुम्हें कुछ लाभ हुआ?
बंता (संता से)- तुम लाभ की बात करते हो, यहां मैं और मुसीबत में फंस गया हूं।
संता (बंता से)- कैसे?
बंता (संता से): असल में वह किताब मेरी बीवी के हाथ लग गई और आजकल वही उसे पढ़ रही है।
संता (बंता से)- बंता यार तूने तो कहा था कि यहां घुटने-घुटने तक पानी है लेकिन मैं तो डूबने वाला था।
बंता (संता से)- बात यह है कि मैं तो यहां नया आया हूं। मैंने सुबह बत्तखों को इस पानी से गुजरते हुए देखा था। उनके तो घुटने-घुटने तक ही पानी था।
संता (बंता से)- तुम्हारे लिए महत्वपूर्ण क्या है, पैसा या स्वास्थ्य?
बंता (संता से)- स्वास्थ्य?
संता (बंता से)- फिर तुम मुझसे अपने उधार पैसे वापस लेने की टेंशन मत लो।
संता (बंता से)- मैं चाहता हूं कि मेरी पत्नी अक्लमंद हो, खूबसूरत हो और मीठी जुबान वाली हो।
बंता (संता से)- लेकिन इतनी महंगाई में तुम तीन पत्नियों का खर्च कैसे बर्दाश्त करोगे?
संता (बंता से)- कल रात मेरा पड़ोसी आधी रात को अचानक मेरा दरवाजा पीटने लगा।
बंता (संता से)- तब तो तुम बहुत परेशान हुए होगे?
संता (बंता से)- नहीं, मैं तो पहले की तरह से ही गाना गाता रहा।
संता (बंता से)- कल मेरी लक्की से फिर लड़ाई हो गई। मैं उसे जिंदा नहीं छोड़ने वाला था। लेकिन किसी वजह से रुक गया।
बंता (संता से)- किस वजह से?
संता (बंता से)- वह मुझे पहले भी 5 बार पीट चुका है।
संता (बंता से)- मेरी पत्नी ने कहा था कि जब आपको छींक आए तो समझना मैंने आपको याद किया है, और तुम मेरे पास चले आना।
बंता (संता से)- तो क्या हुआ? अपनी पत्नी के पास चले जाओ।
संता (बंता से)- लेकिन यार, मेरी पत्नी का तो देहांत हो गया है।
संता (बंता से)- मेरे दादा जी की घड़ी कुएं में गिर गई और जब तीस साल बाद वह घड़ी कुएं से मिली तो वह घड़ी सही समय बता रही थी।
बंता (संता से)- मेरे दादाजी कुएं में गिर गए थे और जब तीस साल के बाद निकाले गए तब भी वह जीवित और बिल्कुल सही सलामत थे।
संता (बंता से)- पर वह कुएं में तीस साल तक कर क्या रहे थे?
बंता (संता से)- तुम्हारे दादाजी की घड़ी में चाभी दे रहे थे।
संता सिंह अपने बेटे को बच्चागाड़ी में घुमा रहा था, जो मिलता वही पूछता- संता सिंह, अपने बेटे को घुमा रहे हो!
इस सवाल से तंग आकर संता सिंह ने एक व्यक्ति को जवाब दिया, जी नहीं, पड़ोसी का बच्चा है।
तभी मैं कहूं कि इसकी शक्ल आपके पड़ोसी से इतनी क्यों मिल रही है। उसने छूटते ही कहा।
पुलिस में नौकरी के लिए संता सिंह इंटरव्यू देने गया।
ऑफिसर (संता से)- अगर बिना लाठी या गोली चलाए तुम्हें भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कहा जाए तो क्या करोगे?
संता (ऑफिसर से)- चंदा मांगना शुरू कर दूंगा।
संता (बंता से)- आजकल दुनिया में कोई आदमी ऐसा नहीं मिलता जो झूठ न बोलता हो।
बंता (संता से)- पर मैं एक लड़के को जानता हूं, वह कभी झूठ नहीं बोलता।
संता (बंता से)- अच्छा, मैं उससे मिलकर कुछ बातें करना चाहता हूं।
बंता (संता से)- ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि वह लड़का गूंगा है।
संता (बंता से)- आज हम अपने नौकर की सिल्वर जुबली मना रहे हैं।
बंता (संता से)- अच्छा! क्या इस नौकर को आपके पास रहते हुए पच्चीस वर्ष हो गए?
संता (बंता से)- नहीं, यह हमारा इस साल का पच्चीसवां नौकर है।
संता (बंता से )- शराब से ज्यादा नुकसान तो पानी ने पहुंचाया है।
बंता (संता से)- नहीं भाई, आप गलत कह रहे हैं।
संता (बंता से )- क्यों, पिछले साल बाढ़ से हजारों लोग मरे नहीं थे?
एक बार संता सिंह की 20 लाख की लाटरी निकली। संता सिंह लाटरी वाले के पास गया। नंबर मिलाने के बाद लाटरी वाले ने कहा- ठीक है सर, हम आपको अभी 1 लाख रूपए देंगे और बाकी के 19 लाख आप अगले 19 हफ्तों तक ले सकते हैं।
संता - नहीं, मुझे तो पूरे पैसे अभी चाहिए नहीं तो आप मेरे 5 रूपए वापस कर दीजिए।
संता और बंता में शर्त लगी कि एक दुर्गधयुक्त कमरे, जिसमें एक बकरा बंधा था, में कौन कितनी देर रहता है।
पहले संता आया और पांच घंटे बाद बाहर आया, फिर बंता गया तो बकरा रस्सी तोड़कर बाहर आ गया।
संता (बंता से)- पता ही नहीं चला कि तुम्हारे साथ बात करते-करते एक घंटा कब बीत गया।
बंता (संता से)- एक घंटा कहां जनाब? पूरे 3 घंटे 12 मिनट 35 सेकेंड हो चुके हैं।
संता-बंता आपस में बातें कर रहे थे।
संता (बंता से)- मेरी पत्नी दूसरी मंजिल से गिर गई।
बंता (संता से)- क्या वह मर गई?
संता (बंता से)-नहीं यार, यह तो अच्छा हुआ कि वह बाल-बाल बच गई।
बंता (संता से)- अरे यार, तुम केवल बालों का क्या करोगे।
संता और बंता पेड़ पर बैठे हुए थे। संता गाना गा रहा था। चार गाने गाने के बाद वह पेड़ पर उल्टा लटक कर गाना गाने लगा।
इस पर बंता ने पूछा- क्या बात है, तुम उल्टे क्यों लटक गए?
संता सिंह ने जवाब दिया- अब मैं बी साइड के गाने गा रहा हूं।
संता (दुकानदार से)- कोई बढि़या कपड़ा दिखाइए।
दुकानदार (संता से)- प्लेन में दिखाऊं?
संता (दुकानदार से)- प्लेन में जाने की क्या जरूरत है, यहीं दिखाओ।
संता (बंता से)- क्या तुम्हारा कभी मूर्खो से पाला पड़ा है?
बंता (संता से)- मैने बहुत कोशिश की कि पाला न पड़े, पर आज मैं तुमसे बच नहीं सका।
संता कवि (बंता से)- मेरी कविताओं का स्तर कैसा है?
बंता (संता कवि से)- बीरबल की तरह।
संता कवि (बंता से)- पर बीरबल तो कविताएं लिखना जानते नहीं थे।
बंता (संता कवि से)- तो आप कहां जानते हैं।
बंता सिंह के पिता की मौत हो गई। संता सिंह उनके अंतिम समय की कुछ तस्वीरें खींचने के लिए वहां गया।
अचानक बंता सिंह ने संता सिंह को जोरदार तमाचा मारा।
लोगों ने पूछा- क्या बात है भई बंता तुमने संता को इतनी तेज क्यों मारा?
बंता बोला- मारूं नहीं तो क्या करूं, खोता बापू की फोटो खींचते वक्त उनसे कह रहा था स्माइल प्लीज!
संता (बंता से)- मुझे अपनी गर्लफ्रेंड को कोई गिफ्ट देना है, क्या दूं?
बंता (संता से)- यार ऐसा कर की गोल्ड रिंग दे दे।
संता (बंता से)- कोई बड़ी चीज बता।
बंता (संता से)- तो फिर गोल्ड रिंग जाने दे, एम.आर.एफ. का टायर दे दे।
संता (बंता से)- तुम तारे गिन सकते हो?
बंता (संता से)- हां, पर रात में नहीं।
संता (बंता से)- रात में क्यों नहीं?
बंता (संता से)- क्योंकि रात को अंधेरा होता है।
संता (बंता से)- अगर तुम बता दो कि मेरे थैले में कितने अंडे हैं तो आठ तुम्हारे आठ मेरे। और अगर ये भी बता दो कि किस जानवर के हैं तो वह मुर्गी भी तुम्हारी!
बंता (संता से)- यार कोई तो हिंट दे।
संता सिंह को एक हाइवे पर सड़क के बीचोंबीच पीली पट्टी पोतने का काम मिला। पहले दिन संता सिंह ने छह मील सड़क पोत दी, दूसरे दिन तीन मील और तीसरे दिन सिर्फ आधा मील।
ठेकेदार ने संता सिंह से पूछा- तुम्हारा काम कम क्यों होता जा रहा है?
संता- मैं क्या करूं। हर दिन बीतने पर मैं पेंट की बाल्टी से दूर जो होता जा रहा हूं।
संता (बंता से)- यह चाकू क्यों उबाल रहे हो?
बंता (संता से)- आत्महत्या करने के लिए।
संता (बंता से)- तो फिर इसे उबालने की क्या जरूरत है?
बंता (संता से) - जंग लगे चाकू से कहीं इन्फेक्शन हो गया तो?
संता (बंता से)- मरते वक्त इंसान को क्या देना चाहिए?
बंता (संता से)- बिरला सीमेंट।
संता (बंता से)- बिरला सीमेंट! वह क्यों?
बंता (संता से)- क्योंकि इसमें जान है।
संता (बंता से)- तुम्हारे दांत कैसे टूट गए?
बंता (संता से)- हंसने के कारण।
संता (बंता से)- क्या मतलब?
बंता (संता से)- हां यार, कल मैं एक पहलवान को देखकर हंस पड़ा था।
संता (बंता से)- योर बर्थ प्लेस
बंता (संता से)- पंजाब
संता (बंता से)- व्हीच पार्ट
बंता (संता से)- ओए ये पार्ट वार्ट क्या कर रहा है मैंनू ते होल बॉडी बोर्न इन पंजाब।
संता (बंता से)- तुम इतने कमजोर कैसे हो गए!
बंता (संता से)- दवाइयां खा-खाकर।
संता (बंता से)- लेकिन इतनी दवाइयां क्यों खाई?
बंता (संता से)- कमजोरी दूर करने के लिए।
भैंस चोरी हो जाने पर संता ने बंता से कहा कि वह चोरी की रिपोर्ट लिखवा आए।
बंता (संता से)- पर थाने जाकर कहूंगा क्या?
संता (बंता से)- थाने जा कर कहना कि तारे चमक रहे थे, कुत्ते भौंक रहे थे। चोर आया, दीवार फांदी और भैंस चुरा कर ले गया।
थाने पहुंच कर बंता गड़बड़ा गया।
बंता (दरोगा जी से)- कुत्ते चमक रहे थे, तारे भौंक रहे थे। चोर आया, भैंस फांदी और दीवार चुरा कर ले गया।
संता (बंता से)- पहले तो सिर्फ रात को ही मच्छर काटते थे, अब दिन में भी काटने लगे हैं।
बंता (संता से)- दोस्त, महंगाई की मार ऐसी है कि इंसान तो क्या, अब मच्छरों को भी दिन-रात काम करना पड़ रहा है।
संता (बंता से)- बंता तुम्हारे हाथ पर पट्टी कैसे बंधी है?
बंता (संता से)- मोटर एक्सीडेंट हो गया था।
संता (बंता से)- अच्छा इतनी चोट लगी।
बंता (संता से)- नहीं मुझे तो खरोंच भी नहीं लगी परंतु एक राहगीर को धक्का लग गया था।
संता (बंता से)- तो तुम्हारे हाथ पर पट्टियां कैसी हैं?
बंता (संता से)- वह राहगीर कल रास्ते में मुझे मिल गया था।
संता (बंता से)- जल्दी चलो, मेरी बीवी खिड़की से कूद कर जान देने वाली है।
बंता (संता से)- तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं?
संता (बंता से)- अरे यार, वह खिड़की खुल नहीं रही है।
संता (प्रेमिका से)- आज मैं तुम्हें अपने बारे में ऐसी बात बताता हूं, जिसे मैंने अभी तक छिपाकर रखा था।
प्रेमिका (संता से)- क्या बात है!
संता (प्रेमिका से)- मैं शादीशुदा हूं।
प्रेमिका (संता से)- ओह! मैं समझी कि तुम कहोगे कि यह कार तुम्हारी नहीं है।
संता (बंता से)- अरे, मैंने तो लिफाफे पर चिपकाने वाले टिकट खरीदने के लिए तुम्हें पैसे दिए थे, फिर ये पैसे वापस कैसे ले आए?
बंता (संता से)- कोई मुझे देख नहीं रहा था, इसलिए बिना टिकट लगाए ही लिफाफा मैंने लेटर बॉक्स में डाल दिया।
संता (बंता से)- अरे ये सादा पोस्टकार्ड किसने भेजा है?
बंता (संता से)- मेरी पत्नी ने।
संता (बंता से)- लेकिन इस पर कुछ लिखा क्यों नहीं है?
बंता (संता से)- क्योंकि आजकल हमारे बीच बोलचाल बंद है।
संता (बंता से)- यार, परसों तुम घर में शासन कैसे करें नाम की एक किताब लाए थे। क्या उससे तुम्हें कुछ लाभ हुआ?
बंता (संता से)- तुम लाभ की बात करते हो, यहां मै और मुसीबत में फंस गया हूं।
संता (बंता से)- कैसे?
बंता (संता से)- असल में वह किताब मेरी बीवी के हाथ लग गई और आजकल वही उसे पढ़ रही है।
संता (बंता से)- एक बार मैंने एक शेर की टांग तोड़ दी, एक हाथी की सूंड़ तोड़ दी।
बंता (संता से)- फिर क्या हुआ।
संता (बंता से)- होना क्या था, दुकान के मालिक ने मेरे पैर की हड्डी तोड़ दी।
संता ने फोन पर नंबर डायल किया। दूसरी तरफ से एक लड़की ने फोन रिसीव किया।
संता (लड़की से)- हैलो आप कौन बोल रहे हैं?
लड़की (संता से)- जी, मैं सीता बोल रही हूं।
संता (लड़की से)- अरे मैंने तो दिल्ली का नंबर मिलाया था, यह तो अयोध्या मिल गया।
संता (बंता से)- मेरी याददाश्त बहुत अच्छी है, लेकिन सिर्फ तीन चीजें ऐसी हैं जिन्हें मैं कभी याद नहीं रख पाता।
बंता (संता से)- कौन-सी तीन चीजें?
संता (बंता से)- एक तो मुझे नाम याद नहीं रहते, दूसरी मुझे सूरतें याद नहीं रहती और तीसरी मुझे वह तीसरी चीज याद नहीं रहती।
संता (बंता से)- तुम्हारी घड़ी में कितने बजे हैं?
बंता (संता से)- बारह!
संता (बंता से)- क्या आपकी घड़ी रेडियो से मिली हुई है?
बंता (संता से)- नहीं, ससुराल से मिली है।
संता (बंता से)- यार, मैं रोज रात को एक बुरा सपना देखता हूं कि चार सुंदर युवतियों से मेरी शादी हो रही है।
बंता (संता से)- मगर इसे बुरा सपना क्यों कहते हो?
संता (बंता से)- तुमने कभी इतनी औरतों के लिए खाना पकाया होता तो पता चलता।
संता (बंता से)- भाई पार्टी किस खुशी में दे रहे हो?
बंता (संता से)- मेरी बाइक खो गई है इसलिए।
संता (बंता से)- लेकिन यह तो दुख की बात है?
बंता (संता से)- हां, लेकिन खुशी की बात यह है कि मैं उस पर बैठा नहीं था, वरना आज मैं भी खो जाता।
बंता (संता से)- यार तूने अपने फ्रिज में खाली बियर की बोतलें क्यों रखी हैं।
संता (बंता से)- ओए यार ये उनके लिए है जो बीयर नहीं पीते।
संता बंता कहीं जा रहे थे, तभी उन्हें सड़क पर दो ट्रक दिखाई दिए, जो एक रस्सी से बंधे थे।
संता ने बंता से पूछा- यार इन ट्रकों के बीच रस्सी क्यों बंधी है?
बंता ने जवाब दिया- ओए बेवकूफ! इतनी मोटी रस्सी ले जाने के लिए दो ट्रक की तो जरूरत पड़ेगी न।
संता (बंता से)- ऐसा क्यों कहा जाता है कि प्यार दिमाग से नहीं दिल से किया जाता है?
बंता (संता से)- अरे यार, सीधी-सी बात है, जिसके पास दिमाग होगा वह प्यार के लफड़े में पड़ेगा ही क्यों?
संता (बंता से)- तुम सोकर कितने बजे उठते हो?
बंता (संता से)- जब सूरज की किरणें खिड़कियों से होकर मेरे कमरे में आने लगती हैं।
संता (बंता से)- वाह, तुम तो एकदम सुबह उठ जाते हो।
बंता (संता से)- नहीं, दरअसल मेरी खिड़कियां पश्चिम की तरफ खुलती हैं।
संता (प्रेमिका से)- मैं आजकल साहित्य की सेवा में लगा हूं।
प्रेमिका (संता से)- सच! क्या काम कर रहे हो?
संता (प्रेमिका से)- साहित्यकार की पुस्तकों पर जिल्दें चढ़ा रहा हूं।
संता (बंता से)- मेरी याददाश्त बहुत अच्छी है। लेकिन सिर्फ तीन चीजें ऐसी हैं जिन्हें मैं कभी याद नहीं रख पाता।
बंता (संता से)- कौन सी तीन चीजें?
संता (बंता से)- एक तो मुझे नाम याद नहीं रहते, दूसरी मुझे सूरतें याद नहीं रहती और तीसरी मुझे वह तीसरी चीज याद नहीं रहती।
संता (बंता से)- परेशान क्यों हो?
बंता (संता से)- मैं अपनी सास को दफना कर आ रहा हूं।
संता (बंता से)- बड़ा अफसोस हुआ, लेकिन तुम्हारे कपड़े क्यों फटे हैं।
बंता (संता से)- वो मुझसे बहुत देर तक झगड़ती रही। फिर काफी जबर्दस्ती करने के बाद ही दफना पाया।
बंता (संता से)- तुम्हारी बीवी को हरदम किचन में ही काम करते हुए देखता हूं, तुम अपनी बीवी से इतना काम करवाते हो?
संता (बंता से)- यह बात नहीं है। दरअसल हमारे घर में एक ही आइना है और वह किचन में है।
संता (बंता से) मैं और मेरी पत्नी 25 साल से सुखी जीवन जी रहे हैं।
बंता (संता से)- वो कैसे?
संता (बंता से)- मैं और मेरी पत्नी हफ्ते में एक बार किसी होटल में जाते हैं, वहां खूब स्वादिष्ट भोजन करते हैं। यह अलग बात है कि वो सोमवार को होटल जाती है और मैं मंगलवार को।
संता (बंता से)- केले के साथ उसका छिलका भी खाना चाहिए।
बंता (संता से)- क्या इससे हाथ पैर स्वस्थ रहते हैं?
संता (बंता से)- जी हां, लेकिन खाने वालों के नहीं, बल्कि रास्ते चलने वालों के।
संता (बंता से)- दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है जो अपनी मूर्खता पर भी जश्न मनाते हैं।
बंता (संता से)- कैसे? मैं तुम्हारी बात समझ नहीं पा रहा हूं।
संता (बंता से)- सीधी सी बात है, लोग पहले तो शादी करते हैं और फिर वर्षगांठ भी मनाते हैं।
संता (बंता से)- यार, जब तक मैं घर नहीं जाता तब तक वह खाना नहीं खाती।
बंता (संता से)- वाह! तुम्हारी पत्नी तो तुम्हें बहुत प्यार करती है।
संता (बंता से)- ऐसी बात नहीं है।
बंता (संता से)- तो फिर क्या है?
संता (बंता से)- दरअसल, घर पहुंचकर खाना मैं ही बनाता हूं
संता-बंता मिस्र घूमने गए। वहां उन्होंने एक ममी देखी।
संता (बंता से) - कितनी पट्टियां बंधी हैं बेचारे के, जरूर ट्रक एक्सीडेंट से मरा होगा।
बंता (संता से)- हां, देखो ट्रक का नंबर भी लिखा है- बी.सी. 1760।
संता (बंता से)- यार बंता तुम्हारा जन्मदिन कब पड़ता है?
बंता (संता से)- 25 जनवरी।
संता (बंता से)- किस साल?
बंता (संता से)- ओए, हर साल।
संता एक अखबार के दफ्तर पहुंचा। वहां जाकर उसने कहा- मैं अपने दोस्त की मौत पर एक शोक संदेश छपवाना चाहता हूं। क्या रेट है?
जवाब मिला- चालीस रुपए प्रति इंच।
संता ने कहा- बाप रे! यह तो मुझे बहुत महंगा पड़ेगा। मेरा दोस्त तो 6 फुट लंबा था।
संता सिंह की बीवी मर गई। बंता सिंह सांत्वना देने गया।
बंता सिंह (संता से)- तुम्हारी बीवी की मौत का बड़ा अफसोस है। वैसे हुआ क्या था?
संता सिंह (रोते हुए)- माथे पर गोली लगी थी।
बंता सिंह (संता से)- चलो आंख तो बच गई।
संता सिंह एक लड़की को छेड़ रहा था।
लड़की ने उसको डांटते हुए कहा - अगर जरा भी शर्म है तो जाकर डूब मरो।
संता सिंह ने जवाब दिया- मैं आपके हुक्म की तामील जरूर करता पर अफसोस है मै ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि मुझे तैरना आता है।
संता मुंबई घूमने गया। गेटवे ऑफ इंडिया पर खड़े होकर वह कबूतर देखने लगा। वहां पुलिस की वर्दी में एक ठग ने उसे टोका- क्या तुम्हे पता नहीं है कि यहां कबूतर देखने के भी पैसे लगते हैं। कितने कबूतर देखे?
संता ने जवाब दिया- जी पंद्रह।
ठग संता सिंह से पंद्रह रुपए लेकर चलता बना।
वापस लौट कर संता सिंह ने अपनी पत्नी से कहा- मैंने मुंबई में एक पुलिस वाले को ठग लिया।
पत्नी ने पूछा- कैसे?
संता सिंह ने जवाब दिया- मैंने वहां पच्चीस कबूतर देखे लेकिन रुपए पंद्रह कबूतर के ही दिए।
संता (बंता से)- यार पेट्रोल के दाम फिर बढ़ गए हैं।
बंता (संता से)- क्या फर्क पड़ता है यार मैं तब भी सौ रुपए का पेट्रोल डलवाता था और आज भी उतने का ही डलवाता हूं।
संता (अपनी प्रेमिका से)- अगर तुम्हारे पिता ने हमारी शादी नहीं होने दी तो मैं जहर खा लूंगा और फिर भूत बनकर उनको डराया करूंगा।
प्रेमिका (संता से)- कोई फायदा नहीं मेरे पिता भूत-प्रेतों पर विश्वास नहीं करते।
संता (बंता से)- यार, कल शाम मैं गाड़ी चलाता हुआ जंगल में जा पहुंचा, तभी कुछ लोगों ने मुझे आ घेरा और मेरे सारे रुपए, घड़ी यहां तक कि गाड़ी भी छीन ली।
बंता (संता से)- लेकिन तुम्हारे पास पिस्तौल भी तो थी।
संता (बंता से)- हां यार, मुझे इसी बात की चिंता हो रही थी कि कहीं वे मेरी पिस्तौल न देख लें।
मुकेश की पत्नी उसकी शराब पीने और जुआ खेलने की आदत से काफी परेशान थी। एक रोज दोनों बाजार से गुजर रहे थे कि तभी एक भिखारी उनके पास आया और एक रुपया मांगने लगा।
मुकेश- क्या तुम जुआ खेलते हो, शराब पीते हो?
भिखारी- जी नहीं साहब।
मुकेश- (अपनी पत्नी की ओर देखते हुए)- देखा जो लोग सिगरेट शराब नहीं पीते और जुआ नहीं खेलते हैं उनकी यही हालत होती है।
संता (बेटे से)- इतने कम नंबर! थप्पड़ मारने चाहिए..।
संता का बेटा (संता से)- हां, पापा। चलो मैंने उस मास्टर का घर देखा है।
संता (बंता से)- मेरी पत्नी की याददाश्त बहुत ही खराब है।
बंता (संता से)- क्या सारी बातें भूल जाती है?
संता (बंता से)- नहीं, छोटी-छोटी बात भी याद रखती है।
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